तिब्बत में शुक्रवार देर शाम 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार यह भूकंप 60 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया। इससे पहले 11 नवंबर को भी तिब्बत में 3.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो सिर्फ 10 किमी की गहराई पर था। उथले भूकंप सबसे खतरनाक माने जाते हैं क्योंकि इनके झटके सीधे सतह तक जोरदार तरीके से पहुंचते हैं और नुकसान अधिक होता है। इसके अलावा असम के नागांव जिले में भी 2.9 तीव्रता का भूकंप आया है।
तिब्बत में भूकंप क्यों आते हैं?
तिब्बत दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। इसका मुख्य कारण है:
1. टेक्टॉनिक प्लेटों की टक्कर
भारत की टेक्टॉनिक प्लेट लगातार उत्तर की ओर बढ़ रही है। यह यूरेशियन प्लेट से टकराती है। इसी टक्कर ने लाखों वर्ष पहले हिमालय पर्वत और तिब्बती पठार का निर्माण किया। यह प्रक्रिया आज भी जारी है, इसलिए बार-बार भूकंप आते हैं।
2. जमीन का उठना और खिंचाव
तिब्बती पठार का ऊंचाई पर होना “crustal thickening” की वजह से है। यहां दो बड़ी प्रकार की भूगतिविधियां होती हैं—
- Strike-slip faulting (साइड की दिशा में सरकना)
- Normal faulting (ऊपर-नीचे फॉल्टिंग)